कृषि में मल्च फिल्म के प्रमुख उपयोग कौन-कौन से हैं?

mulch film use

खेती की दुनिया में आज वैज्ञानिक तकनीकें और नवाचार एक नई दिशा दे रहे हैं। उन्हीं में से एक है मल्च फिल्म, जो मिट्टी को ढकने के लिए उपयोग की जाती है ताकि फसल को अधिक पोषण और सुरक्षा मिल सके। “मल्च फिल्म के अनुप्रयोग” कृषि क्षेत्र में बढ़ती जागरूकता और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में जहां मानसून की अनिश्चितता और जल प्रबंधन एक चुनौती है, वहां मल्चिंग तकनीक क्रांति ला रही है।

मल्च फिल्म का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की सतह को ढक कर उसमें नमी को बनाए रखना, खरपतवारों को नियंत्रित करना और तापमान को स्थिर बनाए रखना है। इसके अलावा यह फसल की गुणवत्ता को सुधारने में भी सहायता करता है। आजकल ब्राउनफील्ड इंडिया जैसी संस्थाएं मल्चिंग उत्पादों की सुलभता और जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। विशेष रूप से https://brownfieldindia.com/ जैसे प्लेटफार्म किसान भाईयों को आधुनिक कृषि उपकरणों तक पहुंच प्रदान कर रहे हैं।

मल्च फिल्म क्या है?

मल्च फिल्म एक पतली परत होती है जो खेत की मिट्टी को ढकने के लिए बिछाई जाती है। इसे प्लास्टिक, बायोडिग्रेडेबल पदार्थों या जैविक सामग्री से बनाया जाता है। इसका उद्देश्य मिट्टी की नमी को संरक्षित रखना, खरपतवार को बढ़ने से रोकना और फसल के लिए उपयुक्त तापमान बनाए रखना होता है।

मल्च फिल्में आमतौर पर PE (पॉलीथीन) से बनती हैं, लेकिन अब पर्यावरणीय चिंता को देखते हुए PLA (पॉलीलैक्टिक एसिड) जैसी बायोडिग्रेडेबल फिल्मों का चलन भी बढ़ रहा है।

मल्चिंग का इतिहास और कृषि में प्रचलन

मल्चिंग की परंपरा सदियों पुरानी है, जब किसान पुआल, सूखी पत्तियों और गोबर से जमीन ढका करते थे। आधुनिक युग में प्लास्टिक फिल्म्स ने इसे एक क्रांतिकारी स्वरूप दिया है। विशेष रूप से 1950 के बाद से चीन, जापान और अमेरिका में इसकी लोकप्रियता बढ़ी, जिसे अब भारत में भी अपनाया जा रहा है।

मल्च फिल्म के प्रमुख उद्देश्य

  • नमी का संरक्षण: मल्चिंग मिट्टी से पानी के वाष्पीकरण को कम करती है।
  • खरपतवार नियंत्रण: इससे जमीन पर प्रकाश नहीं पहुंचता जिससे खरपतवार नहीं उग पाते।
  • तापमान प्रबंधन: ठंड या गर्मी दोनों मौसमों में जमीन का तापमान संतुलित रहता है।
  • उर्वरक की प्रभावशीलता: खाद और पोषक तत्व जड़ तक सही तरीके से पहुंचते हैं।
  • फसल की गुणवत्ता: साफ सतह पर फसल बढ़ती है, जिससे गुणवत्ता बेहतर होती है।

बायोडिग्रेडेबल बनाम प्लास्टिक मल्च फिल्म

प्लास्टिक मल्चिंग सस्ती और असरदार जरूर है, लेकिन इसका पर्यावरण पर असर गंभीर है। वहीं बायोडिग्रेडेबल मल्च फिल्में जैविक रूप से नष्ट हो जाती हैं और मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान नहीं पहुंचातीं।

भारत में मल्च फिल्म का उपयोग

भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मल्च फिल्म का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। खासकर ड्रिप इरिगेशन के साथ यह बेहद प्रभावी सिद्ध हो रही है।

फलों और सब्जियों में मल्च फिल्म के लाभ

टमाटर, खीरा, मिर्च, बैंगन और पत्तागोभी जैसी सब्जियों में मल्चिंग से उपज में 30–50% तक वृद्धि देखी गई है। वहीं फलों में अंगूर, स्ट्रॉबेरी और आम जैसे फलों के उत्पादन में भी इसका असर स्पष्ट होता है।

ब्राउनफील्ड इंडिया का योगदान

ब्राउनफील्ड इंडिया किसानों को गुणवत्ता युक्त मल्च फिल्म्स और अन्य कृषि उपकरण उपलब्ध करवाकर कृषि के आधुनिकीकरण में अहम भूमिका निभा रहा है। यहां बायोडिग्रेडेबल और PE मल्च फिल्म्स के कई प्रकार मिलते हैं, जो विभिन्न फसलों और मिट्टी के अनुरूप होते हैं।

Frequently Asked Questions:

1. मल्च फिल्म का जीवनकाल कितना होता है?

उत्तर: प्लास्टिक फिल्म 1–3 साल चल सकती है, जबकि बायोडिग्रेडेबल फिल्म 6–12 महीनों में नष्ट हो जाती है।

2. क्या बारिश के समय मल्च फिल्म उपयोगी होती है?

उत्तर: हां, यह अत्यधिक बारिश में मिट्टी के क्षरण से फसल को बचाती है।

3. क्या इसे फिर से उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर: मोटी PE फिल्म को अच्छी स्थिति में होने पर दोबारा उपयोग किया जा सकता है।

4. क्या मल्चिंग से मिट्टी खराब होती है?

उत्तर: नहीं, बल्कि उचित मल्च का उपयोग मिट्टी को संरक्षित करता है।

5. मल्च फिल्म कहां से खरीदें?

उत्तर: Brownfield India से ऑनलाइन मंगाया जा सकता है।

6. कौन सी फसल के लिए कौन सी मल्च फिल्म सही है?

उत्तर: गहरे रंग की फिल्में गर्म जलवायु के लिए और हल्की फिल्में ठंडे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं।

निष्कर्ष

मल्च फिल्म के अनुप्रयोग केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खेती की दिशा में एक मजबूत कदम हैं। किसानों के लिए यह तकनीक न केवल लागत कम करती है, बल्कि उपज और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाती है। आधुनिक कृषि को अपनाने की दिशा में ब्राउनफील्ड इंडिया जैसे प्लेटफार्म किसानों के सच्चे साथी बनकर उभरे हैं।

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